नए साल से पहले मध्यप्रदेश कांग्रेस का चेहरा पूरी तरह बदला होगा, चुनावी साल की कांग्रेस पहले से ज्यादा अनुशासित, संगठित और नए चेहरों से लैस होगी। कम से कम बैठकों का दौर तो इसी ओर इशारा कर रहा है। 2018 से सबक लेकर प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ अब कुछ अहम फैसले लेने के मूड में हैं। जिसका शिकंजा गोविंद सिंह और जीतू पटवारी जैसे वरिष्ठ नेताओं पर भी कसेगा।